भारतीय अर्थव्यवस्था की दुर्दशा के कारण
अक्सर ही मेरे पिताजी एक चुटकुला सुनाते थे। एक बार एक व्यक्ति ने अपना रेस्टोरेंट खोला। रेस्टोरेंट के बाहर उसने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए मेनू का बोर्ड लगाया और उसके नीचे बड़े - बड़े अक्षरों में यह लिख दिया कि हमारे रेस्टोरेंट में हर दिन एक नया व्यंजन खाने को मिलेगा और कोई भी डिश दोहराई नही जाएगी। एक दिन मेनू में उसने एक नई डिश लिखी , कद्दू और अंगूर की सब्जी। एक व्यक्ति उत्सुकतावश रेस्टोरेंट में गया और उसने वह डिश आर्डर कर दी। खाना परोसे जाने तक उसने मैनेजर से बात करने का सोचा। उसने मैनेजर से पूंछा की कद्दू और अंगूर की सब्जी के बारे में उसने पहले कभी नही सुना। मैनेजर ने कहा हमारा बावर्ची बहुत ही होनहार है वह हर दिन कोई न कोई नई डिश बनाता ही है। डिश के बारे में अधिक जानकारी के लिए उस व्यक्ति ने बावर्ची से मिलने की इच्छा व्यक्त की। बावर्ची ने उसे बताया कि इस डिश को बनाने के लिए कद्दू और अंगूर का सही अनुपात होना बहुत