विरासत
विरासत सिर्फ जमीन जायदाद या माल असबाब की ही नही होती बल्कि विरासत तो सपनो, अरमानो और कभी कभी तो किस्मत की भी होती है। भले ही भाग्यवादी मनुष्य इसे कुछ भी नाम क्यों न दे ले मगर वास्तविकता में किस्मत इंसान को चुनती है न कि इंसान अपनी किस्मत को। भले ही कुछ लोग इस बात से इत्तेफाक न रखते हो मगर सच्चाई तो यही है कि मनुष्य ने आज तक जो भी कुछ हासिल किया है अपनी किस्मत की वजह से ही। हां ये बात और हो सकती है कि विरासत में उसने चुना क्या है। कई बार किस्मत हमपर जिम्मेदारियों का मुकुट खुद सजाती है और कई बार हम इसे पाने के लिए खुद अपने कदम आगे बढ़ाते है। मसलन मेरे एक पड़ोसी है जिनका भर पूरा परिवार था अच्छे खाते पीते परिवार से ताल्लुक रखते। पारिवारिक व्यवसाय को ज्यादा महत्त्व देते और शिक्षा को गौड़ समझते। समय का पहिया घूमा और फिर देखते -देखते वे इस दुनिया से रुखसत हो गए। लड़को ने व्यापार को प्राथमिकता दी और जिम्मेदारियों से किनारा कर लिया। जैसे तैसे रिश्तेदारों ने मिलकर कुछ बहनो का विवाह तो कर दिया फिर अचानक ही किसी बात से नाराजगी हो गई और सभी रिश्तेदारों ने उनसे किनारा कर लिया। अब भले ही बच्चो की जिम्मेद