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Showing posts from March 26, 2013
पुरानी यादें और बुरी किस्मत  पुरानी यादों और बुरी किस्मत में एक बड़ी समानता होती है, दोनों आसानी से पीछा नही छोड़ती है और शायद जीवन पर्यन्त गाहे-बेगाहे आपके वर्तमान और भविष्य के स्वर्णिम अवसरों को बरबाद करने कि शक्ति रखती है. कभी-कभी सोचता हूँ कि बुरी चीजों कि प्रकृति और प्रवित्ति इतनी अपरिहार्य सी क्यूँ होती है? काश अच्छाईयों या सौभाग्य कि उमर भी लंबी हो सकती. ना जाने जिंदगी हमें जीवन भर क्या सिखाने में लगी रहती है? मन में आता है कि कहँ दे बस अब और नही लेकिन चाहने मात्र से कल्पनआये और इछ्छआयें भला कहाँ सार्थक होती है. कभी- कभी मेरे सोंच के मायने बदल जाते है और लगता है कि शायद किस्मत कुछ लोगों पर ही मेहरबान होती है या फिर शायद मेरी बुराइयों कि फेहरिस्त थोड़ी लंबी है, सुकून सिर्फ़ यही तक सीमित रह जाता है कि कल सब अच्छा होगा, लेकिन फिर सोचता हूँ कि वर्तमान का अंधकार भविष्य के प्रकाशमान होने का प्रमाण या कल्पना मात्र तो नही हो सकता. कभी ये भी संतुष्टि रहती है कि शायद किस्मत हमें सब कुछ दे दे मगर सबके बाद. फिर सोचता हूँ कि क्या फाय्दा अगर कल सब कुछ अ च्छा भी हो जाए, किस्मत और समय साथ चल