Posts

Showing posts from November 16, 2023

क़िस्सागोई- अध्याय 1

    आज बात वहां पर खतम हुई , जहां से कभी शुरू होती थी। उम्र का एक पड़ाव ऐसा भी था , मानो सब कुछ वहीं आकर ठहर सा जाता हो। कल तक उस पल में हम भविष्य को लेकर चिंतित थे। लगता था आज नहीं तो कल सब हासिल कर लेंगे , बस थोड़ा सब्र और। बस थोड़ा समय और , बस थोड़े पैसे और , थोड़ा साथ और। लगता था जैसे भले ही वो कल न आए मगर ये पल भी कुछ बुरा तो नहीं है। मुफ़लिसी का भी अपना ही मजा हुआ करता था , क्योंकि उस मुफलिसी में तुम जो साथ थे।चाहिए तो सब कुछ था , मगर तुम्हारे बगैर नहीं। सच पूछा जाए तो कितनी ही दफा इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि क्या होगा अगर तुम कल साथ नहीं हुए तो। डर तो लगता था , कहीं छुपा हुआ सीने में किसी कोने में। मगर तुम्हें यकीन दिलाने के लिए कितनी ही दफा मैंने झूठ बोला कि ऐसा कुछ भी नहीं होगा। आज भी लगता है कि कहीं न कहीं तुम मेरा दुख समझती थी , मेरे झूठ को हर बार की तरह पकड़ लेने की काबिलियत थी तुम में। मगर फ