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Showing posts from April 16, 2018

उफ्फ ये कमज़र्फ मोहब्बत

सुनील और राधा एक साथ एक ही कॉलेज में पढ़ते है। दोनो ही एक मध्यम परिवार से ताल्लुक रखते है। सुनील के बाप का सपना है कि बेटा पढ़-लिख कर कुछ बन जाये तो घर का भी सहारा हो जाएगा और बेटे की जिंदगी भी संवर जाएगी। वहीं राधा के बाप को लगता है कि बेटी का शिक्षित होना जरूरी तो है साथ ही साथ बेटी की शादी के लिए एक अनिवार्य अहर्ता भी है। बाकी सभी बिंदुओं को अगर दरकिनार कर दे तो कहीं न कहीं राधा को भी ये बात पता है कि पढ़ाई पूरी होने के साथ ही साथ उसके घर वाले उसका कहीं न कहीं रिश्ता कर देंगे। राधा वक्त के साथ चलने वालों में से है, वो कहते है न कि लड़की गाय होती है गाय, एक खूंटे से खोल कर दूसरे में बांध दो। नतीजतन राधा की अपनी जिंदगी से कुछ खास अपेक्षाएं नही है। दूसरी तरफ सुनील को लगता है कि भले ही वो एक मध्यम परिवार में पैदा हुआ है मगर वह इसे अपनी नियति नही बनाना चाहता है। उसे अपने ज्ञान और मेहनत पर पूरा भरोसा है और उसे लगता है कि मेहनत और लगन के बल पर सब कुछ पाया जा सकता है। इसी बीच कुछ ऐसा होता है जिसकी किसी ने भी कल्पना नही की होती है। वो कहावत है न, अपोजिट अट्रैक्ट्स। हां बस वही बिल्कुल फिट बैठ