एक अनसुलझा रहस्य
कभी-कभी कुछ कहानियों में ऐसे भी किरदार होते है जो हर बार एक नया चेहरा लेकर आते है। शुरू से लेकर अंत तक पता ही नहीं चलता कि वे हीरो है या विलेन। समय के साथ उनका कैरेक्टर हमेशा बदलता रहता है। आपको कभी लगता है कि वे अच्छे लोग है, भरोसेमंद है और फिर एक मोड़ ऐसा आता है जब ये भरम टूटता है। आपको लगता है कि ये ही शायद उनका असली रंग है और वे तो कभी आपकी तरफ थे ही नहीं और वो सारी बातें, वे सारे पल जो आपने साथ बिताए और वे सारे लम्हे जो आपने एक साथ जिए महज एक दिखावा था। आप पहले पहल तो शायद इस बात पर यक़ीन भी न कर पाएं मगर आप खुद को दिलासा देने की कोशिश करते है। मगर रुकिए जनाब कहानी यहीं खतम नही होती, कहानी में फिर एक मोड़ आता है और फिर से एक बार वही किरदार कहानी में वापस आता है मगर इस बार वो आपकी मदद करता है। इतिहास की परते एक बार फिर से उधड़ती है और कहानी की कड़ियाँ फिर से जुड़ती है। फ़्लैशबैक में जहां कहानी ख़तम हुई थी वहां फिर से एक बार से नए सिरे से कुछ अनसुलझे रहस्यो और अनकही बातों का तानाबाना बुना जाता है और कहानी का अगला हिस्सा तैयार होता है। अब आपको लगता है कि कहानी परफेक्ट है और किरदार के आंकलन