Posts

Showing posts from September 20, 2014

आओ वेल्लापंथी करें

Image
वेल्ला अर्थात वह व्यक्ति जिसके पास करने योग्य कोई काम ना हो; मूलतः देशज शब्द खलिहर का नवीनतम रूपांतरण है. विकसित होने की प्रक्रिया में न सिर्फ़ हमारा शारीरिक और मानसिक कायंतरन हुआ बल्कि कुछ भाषागत विकास भी दृष्टिगोचर हुआ. वर्तमान समय के अनुसार देखा जाएँ तो वेल्लागिरी करने वालों को कभी सम्मान की नजर से नही देखा जाता है. सांसारिक सुखों और व्यस्तता का ढोंग रचने के लिए हर किसी ने एक छद्म आवरण ओढ़ लिया है जबकि वास्तविकता में हर मनुश्य किसी ना किसी प्रकार से वेल्ला है. हालाँकि वेल्लगिरि कि ये परंपरा सदियों से चली आ रही है, देवताओं, ऋषियों, मनुष्यों, राजाओं यहाँ तक कि वेदों और महाकाव्यों की रचना करने वाले भी वेल्लापंथि ही थे. घंटों तर्क- वितर्क करना, शास्त्रथ करना और इन जैसे ना जाने ही कितने ऐसे कार्य है जो सिर्फ़ वेल्लापंथियो की देन है. सच पूछा जाएँ तो वेल्लापंथि एक दैवीय गुण है और जिन मनुष्यों को इसमे दक्छ्ता हासिल होती है वे ही आगे चलकर इतिहास रचते है. प्रथिस्थित् कंपनी कि नौकरी छोड़ कर वेल्लागिरि की राह् पकड़ने वाला एक दिन व्हाटस अप जैसे सॉफ्टवेयर का निर्माण करके रातों रात अमीर बन ज